परिचय

 

शिक्षा जीवन व्यवहार सिखाती है तथा जीवन संघर्ष के लिए तैयार करती है। वस्तुतः शिक्षा वह है जो हमें आँख (अन्तर्दृष्टि) व पंख (क्षमता) दे जो जीवन व जीविका के काम आएं। यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि सिर्फ साक्षरता शिक्षा नहीं है और सूचना ज्ञान नहीं है तथा स्कूल से वंचित रहना शिक्षा से वंचित होना नहीं है। शिक्षा प्राप्ति का एक मात्र साधन स्कूल ही नहीं हैं। औपचारिक शिक्षा में जहाँ गुरु के माध्यम से सीखा जाता है वहाँ अनौपचारिक शिक्षा में एकलव्य की तरह अपने प्रयत्न से सीखा जाता है। महात्मा बुद्ध ने कहा है ‘‘अप्प दीपो भव ’’ अर्थात् अपने प्रकाश स्वयं बनो। स्वामी विवेकानन्द ने कहा है कि बालकों को सिखाने और पौधों को उगाने की बात एक ही है। शिक्षा की सर्वसुलभता एवं सहजता के लिए उत्तराखण्ड स्टेट ओपन स्कूल की स्थापना 21 मार्च, सन् 2005 ई. में की गई। उत्तराखण्ड स्टेट ओपन स्कूल, स्कूल से बाहर के सीखने के संसाधनों को औपचारिक मान्यता देने की युक्ति है। 10वीं व 12वीं की परीक्षा हेतु न्यूनतम क्रमश : 14 व 15 वर्ष का कोई भी व्यक्ति पंजीयन करवा सकता है। आयु की अधिकतम कोई सीमा नहीं है। पंजीयन देश भर के केन्द्रों पर करवाया जा सकता है।

विषयों का चयन

कक्षा 10वीं में 15 व 12वीं में 20 विषयों में से किन्ही पाँच विषयों को चयन करने की छूट होती है। आर.एस.ओ.एस. के द्वारा परीक्षा में बैठने के लिए गणित एवं अंग्रेजी विषय की अनिवार्यता नहीं है।

टी.ओ.सी.

अन्य मान्यता प्राप्त बोर्डों से अनुत्तीर्ण होने पर अधिकतम उत्तीर्ण दो विषयों एवं उत्तराखण्ड स्टेट ओपन स्कूल के अभ्यर्थियों के चार विषयों में क्रेडिटों का स्थानान्तरण (टी.ओ.सी.) का लाभ दिये जाने का प्रावधान भी है।

व्यक्तिगत सम्पर्क कार्यक्रम

अध्ययन में आने वाली समस्याओं के निराकरण हेतु विषय विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में वर्ष में एक बार 15 दिवसीय (25 दिसम्बर से 8 जनवरी तक) व्यक्तिगत सम्पर्क कार्यक्रमों का आयोजन सभी सन्दर्भ केन्द्रों पर किया जाता है।

सार्वजनिक परीक्षाएँ

एक वर्ष में दो बार परीक्षाएँ अक्टूबर-नवम्बर व मार्च-अप्रेल में होती हैं। एक बार पंजीयन करवाने के पश्‍चात् उत्तीर्ण होने के लिए अभ्यर्थी को 5 वर्ष में 9 अवसर मिलते हैं।

मान्यता

उत्तराखण्ड स्टेट ओपन स्कूल द्वारा जारी 10वीं व 12वीं के प्रमाण-पत्रों को केन्द्र व राज्य सरकार के द्वारा सी.बी.एस.सी., माध्यमिक शिक्षा बोर्ड उत्तराखण्ड या अन्य बोर्डों के समकक्ष मान्यता प्राप्त है। रेलवे बोर्ड व सेना में भी मान्यता प्राप्त है।

विशेषताएँ

पाठ्यक्रम की सरलता व शिक्षा की सहजता के साथ-साथ परीक्षा का लचीलापन स्टेट ओपन स्कूल की विशेषता है। तनावमुक्त होकर अभ्यर्थी अपनी सुविधा अनुसार परीक्षा उत्तीर्ण कर सकता है। ओपन स्कूल से जुड़कर अभ्यर्थी अपने ज्ञान व अनुभव का सुदृढ़ीकरण व संवर्धन करता है। उसके ज्ञान का प्रमाणीकरण होने पर जहाँ आत्म सन्तोष मिलता है वहीं आत्मविष्वास में भी वृद्धि होती है।